चंद्रनाथ एक भावुक युवक था भावुकतावश उसने एक गरीब मां की लड़की सरयू से शादी कर ली। सरयू दया और प्रेम की मूर्ति थी। उसका संस्कार ऐसा था कि पति पर वह ईश्वर जैसी श्रद्धा-भक्ति रखती थी।
पर समाज में सरयू व उसकी मां की छवि सही नहीं थी, चंद्रनाथ ने जब सुना तो समाज के भय से वह सरयू का परित्याग कर देने को राजी हो गया। मगर सरयू अपने पति की आन पर कोई आपत्ति नहीं आने देना चाहती थी सो उसने आत्महत्या का प्रयास करना चाहा पर वह मां बनने वाली थी इसलिये ऐसा न कर सकी। अतः उसने समाज की व अपने पति की उपेक्षा को चुप रह कर सहन किया अंततः सरयू की सहनशीलता के सामने सबको झुकना पड़ा। चंद्रनाथ ने हिम्मत कर समाज का सामना किया और सरयू को घर ले आया जो बहिष्कृत होने के कारण काशी चली गई थी। तत् पश्चात दोनों सुख से रहने लगे।
चन्द्रनाथ | Chandranath
Sharatchandra Chattopadyay