वेश्याओं के सम्बन्ध में उनकी निन्दा के अतिरिक्त और कुछ भी लिखना आमतौर पर निन्दा का विषय माना जाता रहा है। स्त्रियों को खरीदने-बेचने का धन्धा करनेवाले स्त्री-पुरुषों को आजीवन कारावास की सजाएँ देनी चाहिए। लोकतन्त्रीय शासन में ऐसी बहुत गुंजाइश होती है, जिससे कि जनता और जनता की सरकार साथ-साथ पूरे जोश से कई समाजव्यापी आन्दोलन चलाकर सफलता प्राप्त कर सकती हैं। वेश्याओं के प्रति आकर्षण और वेश्यागामिता के प्रति संकोच- भाव दोनों साथ-ही-साथ मानव सभ्यता के इतिहास में चलते रहे हैं। मेरा अपना विचार तो यह है कि इस सामाजिक संकोच ने वेश्याओं के प्रति मानव-आकर्षण को बढ़ावा दिया है। जो हो, अब तो दुनिया भर में क़रीब क़रीब हर जगह सरकारें वेश्यावृत्ति के ख़िलाफ़ जोरदार जेहाद बोल रही हैं।
ये कोठेवालियाँ | Ye Kothewaliyan
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