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यह पुस्तक स्वामी विवेकानन्द के समग्र दर्शन को उजागर करती है। साथ ही यह ग्रन्थ स्वामीजी के गुरू श्री रामकृष्ण परमहंस की अनुभूति को उनके द्वारा अभिव्यक्त करने की जानकारी भी प्रकट करता है। स्वामीजी ने आज से करीब सौ वर्ष पहले जो दार्शनिक पक्ष सोये हुए मानव जगत् को बताया वह विलक्षण था। उन्होंने अनेक मार्गों के बारे में बताते हुए अद्वैत वेदान्त पर अत्यधिक बल दिया। उन्होंने अपने गुरू की स्मृति में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की तथा समस्त बुद्धिजीवियों के लिए 'विद्यादान' एवं 'ज्ञानदान' को श्रेष्ठ स्थान बताया। इस ग्रन्थ में स्वामी विवेकानन्द द्वारा किए गए 'आत्मा', 'माया एवं भ्रम', 'ब्रह्म और जगत्', 'कृष्ण एवं गीता' तथा 'राजयोग' के दार्शनिक विवेचन के सम्बन्ध में बताया गया है। स्वामी विवेकानन्द एक ऐसी विभूति थे, जिनके सम्बन्ध में कुछ कहना सूरज को दीपक दिखाने के समान है, किन्तु उनके बारे में हम थोड़ा जान लें तो यह उनके प्रति हमारी सच्ची जागरूकता होगी। ऐसा ही एक प्रयास इस पुस्तक में किया गया है।

स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekanand

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SKU: 9788190248150
₹280.00 नियमित मूल्य
₹238.00बिक्री मूल्य
स्टाक खत्म
  • Naresh Kumar Sharma

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