राजस्थान देश का सबसे बड़ा प्रान्त है। भौगोलिक क्षेत्रफल के मामले में यह विश्व के अनेक देशों से बड़ा है। यह ग्रेट ब्रिटेन से दो गुना, श्रीलंका से पाँच गुना तथा इजराइल से सत्रह गुना बड़ा है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व राजस्थान मुख्यतः उन्नींस देशी रियासतों, चार बड़े ठिकानों तथा एक केन्द्र शासित प्रदेश में बँटा हुआ था।
राजस्थान के इतिहास में यहाँ की रियासतों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। केन्द्रीय सत्ता के साथ संघर्ष करने में यहाँ की रियासतों के राजाओं की विशेष भूमिका रही है। अनुपम शौर्य से अलंकृत इन रियासतों के राजाओं की कद्र राजस्थान के बाहर के अन्य रियासतों के राजाओं ने भी की है और वहाँ के इतिहास इन्होंने भी अपना योगदान दिया। इस पुस्तक में उनके इस योगदान के प्रामाणिक अध्ययन के साथ उनकी राजनैतिक देन को भी उजागर किया गया है। इस पुस्तक के अध्ययन से राजस्थान की रियासतों के इतिहास के अनेकानेक विस्मृत वीरों को जहाँ प्रकाश में लाया गया है, वहाँ साथ ही उन भ्रान्तियों का भी निराकरण किया गया है। पुष्ट-प्रमाणों के अभाव में प्रचलित रही है। राजस्थान के इतिहास के नव-लेखन में इस पुस्तक का अध्ययन ज्ञानवर्द्धन एवं प्रामाणिक सिद्ध होगा।
राजस्थान की रियासतों का इतिहास | Rajasthan ki riyasaton ka itihas
Rohit Kumar Tanwar