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Kalhana’s Rājataraṅgiṇī (Hindi Edition) राजतरंगिणी अत्यन्त वृहत्काय महाकाव्य है जिसके आठ तरंगों में 7825 श्लोक हैं। भारत भूभाग के इस सुरम्य कश्मीर मण्डल के भूगोल, इतिहास, संस्कृति, जीवनशैली, हासविलास, मानवस्वभाव आदि को जानने के लिए यह ग्रन्थ अमूल्य है। ग्रन्थ के अत्यन्त वृहत्काय होने के कारण ही सम्भवतः हिन्दी भाषा में इसके अधिक अनुवाद नहीं हो सके। यह ग्रन्थ काव्यगत सुषमा से भी सम्पन्न है किन्तु मूलतः यह इतिहास ग्रन्थ ही है। स्वयं कल्हण भी सम्भवतः यही चाहते थे, क्योंकि राजा जयसिंह के राज्यकाल के साथ ही वर्णन समाप्त करके उन्होंने पुनः राजतरंगिणी में वर्णित सभी राजाओं की एक सूची प्रस्तुत कर दी है, जिससे कश्मीर के इतिहास-अध्येता को सुगमता हो सके।

 

Rājataraṅgiṇī is a metrical legendary and historical chronicle of the north-western part of Indian sub-continent, particularly the kings of Kashmir. It was written in Sanskrit by Kashmiri historian Kalhana in the 12th century CE. Kashmir History (History of Kashmir) (कल्हण की राजतरंगिणी)

कल्हण कृत राजतरंगिणी । Kalhana Krit Rajtarangini (set) | The Kings of Kashmir

SKU: 9788119488070
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    • Kalhana
    • Editor & Translator - Dr. Pritiprabha Goyal
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