यह कहानी संग्रह, अभय मिश्र और पंकज रामेन्दु लेखक द्वय की साथ में दूसरी किताब है। इससे पहले इनकी पुस्तक ‘दर दर गंगे’ को पाठकों ने काफी सराहा गया। यह पुस्तक आज भी गंगा पर पढ़ने वाली पुस्तकों में अहम स्थान रखती है। दोनों लेखक नदियों पर लिखने वाले कहानीकार-पत्रकार हैं, जो अपनी अनूठी क़िस्सागोई से विषय की गहराई को आँकते रहे हैं। यह पुस्तक भी पाँच कहानियों का संग्रह है, जिसमें कहीं भी उनका विषय यानी ‘नदी’ छूटती नहीं है, बल्कि कहीं रिवाज, अपराध, घटनाएँ और अंतर्मन के रूप में कहानी के साथ बहती है। पुस्तक का नाम ‘चुल्लू भर कहानी’ रखने का मुख्य उद्देश्य भी यही है कि चाहे कहानी हो या हक़ीक़त या फिर हक़ीक़त बयान करती कहानी हो, इंसान जो हासिल करता है वह चुल्लू भर ही है। ठीके वैसे ही जैसे मास्साब पढ़ाते बहुत हैं लेकिन समझ में चुल्लू भर ही आता है।
चुल्लू भर कहानी । Chullu Bhar Kahani
Abhay Mishra
Pankaj Ramendu