top of page
Product Page: Stores_Product_Widget

पुलिसनामा: जहाँ मुर्दे भी गवाही देते हैं के सभी किस्से सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं, जिनका लेखक चश्मदीद था या फिर ये किस्से उसके पास स्टाफ रिपोर्टर से पहुँचे। दो दशकों से अधिक क्राइम और राजनीति पर रिपोर्टिंग करते हुए लेखक ने पुलिस तंत्र और उनके काम करने के तरीकों को बहुत नजदीक से देखा-समझा है। पुस्तक बताती है कि समाज को अपराध-मुक्त रखने की ज़िम्मेदारी में कभी अजीबोगरीब घटनाएँ, मजेदार वाकयात और कभी-कभी एनकाउंटर भी हो जाते हैं। इन परिस्थितियों में पुलिस को कभी वाहवाही मिलती है तो कभी धिक्कार। लेखक ख़ाकी वर्दी वालों को इंसान की तरह देखना-समझना नहीं भूलते और यही बात इस किताब को ख़ास बनाती है।

2002 से लगातार पत्रकार के रूप में काम कर रहे हैं ज़ैग़म मुर्तजा। इस दौरान उन्होंने हिन्दुस्तान टाइम्स, राज्यसभा टीवी, टीवी9, ईटीवी, नेशनल हैराल्ड में काम किया है। मुख्यतः उन्होंने क्राइम बीट और राजनीति को कवर किया है। यह उनकी पहली किताब है।

पुलिसनामा । Policenama

SKU: 9789393267443
₹250.00 नियमित मूल्य
₹225.00बिक्री मूल्य
स्टाक खत्म
  • Athor

    Zaigham Murtaza

  • Publisher

    Rajpal & Sons

  • No. of Pages

    144

अभी तक कोई समीक्षा नहींअपने विचार साझा करें। समीक्षा लिखने वाले पहले व्यक्ति बनें।

RELATED BOOKS 📚 

bottom of page