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DUSHT SARP OR KAUVE - MITRABHED - PANCHTANTRA

Updated: Jul 11, 2022

दुष्ट सर्प और कौवे - मित्रभेद - पंचतंत्र

 

एक जंगल में एक बहुत पुराना बरगद का पेड था। उस पेड पर घोंसला बनाकर एक कौआ-कव्वी का जोडा रहता था। उसी पेड के खोखले तने में कहीं से आकर एक दुष्ट सर्प रहने लगा। हर वर्ष मौसम आने पर कव्वी घोंसले में अंडे देती और दुष्ट सर्प मौक़ा पाकर उनके घोंसले में जाकर अंडे खा जाता…..

{मित्रभेद~ पंचतंत्र} पं. विष्णु शर्मा

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