कुम्हार की कहानी लब्ध-प्रणाश - पंचतंत्र

युधिष्ठिर नाम का कुम्हार एक बार टूटे हुए घड़े के नुकीले ठीकरे से टकरा कर गिर गया। गिरते ही वह ठीकरा उसके माथे में घुस गया। खून बहने लगा। घाव गहरा था, दवा-दारु से भी ठीक न…..
{लब्ध-प्रणाश ~ पंचतंत्र} पं. विष्णु शर्मा