top of page

MITRA-DOH KA PHAL - MITRABHED - PANCHTANTRA

Writer: Kitabeormai PublicationsKitabeormai Publications

Updated: Jul 11, 2022

मित्र-द्रोह का फल - मित्रभेद - पंचतंत्र

 

दो मित्र धर्मबुद्धि और पापबुद्धि हिम्मत नगर में रहते थे। एक बार पापबुद्धि के मन में एक विचार आया कि क्यों न मैं मित्र धर्मबुद्धि के साथ दूसरे देश जाकर धनोपार्जन कर्रूँ। बाद में किसी न किसी युक्ति से उसका सारा धन ठग-हड़प कर सुख-चैन से पूरी जिंदगी जीऊँगा….

{मित्रभेद~ पंचतंत्र} पं. विष्णु शर्मा

Want to read more?

Subscribe to kitabeormai.in to keep reading this exclusive post.

Post: Blog2_Post
bottom of page