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SHANTI {MUNSHI PREMCHAND}

Writer's picture: Kitabeormai PublicationsKitabeormai Publications

स्वर्गीय देवनाथ मेरे अभिन्न मित्रों में थे। आज भी जब उनकी याद आती है, तो वह रंगरेलियाँ आँखों में फिर जाती हैं, और कहीं एकांत में जाकर जरा देर रो लेता हूँ। हमारे और उनके बीच में दो-ढाई सौ मील का अंतर था। मैं लखनऊ में था, वह दिल्ली में……

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