टिटिहरी का जोडा़ और समुद्र का अभिमान - मित्रभेद - पंचतंत्र
समुद्रतट के एक भाग में एक टिटिहरी का जोडा़ रहता था । अंडे देने से पहले टिटिहरी ने अपने पति को किसी सुरक्षित प्रदेश की खोज करने के लिये कहा । टिटिहरे ने कहा – “यहां सभी स्थान पर्याप्त सुरक्षित हैं, तू चिन्ता न कर ।”……
{मित्रभेद~ पंचतंत्र} पं. विष्णु शर्मा