रहीम जी के बहुमुखी व्यक्तित्व का संक्षिप्त जीवन परिचय एवं उनके कालजयी दोहों का संकलन प्रस्तुत पुस्तक में है। दोहों को अलग-अलग खण्डों में विभाजित कर उनका सरल एवं सुबोध भाषा में अर्थ समझाया गया है
रहीम जी के दोहे सदियों पूर्व जितने प्रासंगिक थे उतने ही आज भी हैं बल्कि उससे कहीं अधिक प्रासंगिक हैं। रहीम जी ने जीवन के प्रत्येक पक्ष पर अपने अनुभवों के उद्गार दोहों के रूप में जनमानस के सामने रखे थे। समाज जीवन एवं व्यक्तिगत जीवन में इनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है। इस कृति का लक्ष्य भी समाज में व्याप्त विकृतियों को दूर कर आपसी स्नेह, सहिष्णुता, सामंजस्य एवं व्यवहारिकता को बढ़ावा देना है।
प्रस्तुत कृति का उद्देश्य है कि सामान्य पाठक भी आसानी से रहीम जी के दोहों का सार ग्रहण कर इनसे लाभान्वित हो सके। इसीलिए पुस्तक में जहाँ आवश्यक हुआ, वहाँ व्याख्या सहित अर्थ समझाया गया है। आशा है यह कृति अपने उद्देश्य एवं लक्ष्य में अवश्य ही सफल सिद्ध होगी।
रहीम के दोहे | Rahim Ke Dohe
Matadeen Singh