उदयपुर राज्य का इतिहास - प्राचीनता के साथ अनेक अन्य कारणों से मेवाड़ का इतिहास अद्वितीय है। जिस प्रशंसनीय वीरता, अनुकरणीय आतमोसर्ग, पवित्र त्याग और आदर्श स्वतंत्रता प्रेम का दर्शन मेवाड़ के इतिहास में होता है वैसा अन्यत्र नहीं । मेवाड़ का इतिहास स्वतंत्रता का इतिहास है। नाना प्रकार के कष्ष्ट और अनेक विपत्तियाँ सहन करते हुए भी मेवाड़ के महाराणाओं ने सांसारिक सुख, सम्पति और ऐश्वर्य का त्याग कर अपनी स्वतंत्रता और कुल-गौरव की रक्षा की । यही कारण है कि आज भी मेवाड़ के महाराणा "हिन्दुआ सूरज" कहलाते है। मेवाड़ के इतिहास-लेखन की दृष्ष्टि से कर्नल जेम्स टाॅड के ‘एनल्स एण्ड एण्टीक्वीटीज ऑफ राजस्थान’ तथा कविराजा श्यामदास जी दधवाड़िया के "वीर विनोद" के पश्चात् पं- गौरीशंकर हीराचंद जी ओझा कृत "उदयपुर राज्य का इतिहास" सर्वाधिक उल्लेखनीय प्रयतन है।
उदयपुर राज्य का इतिहास (set) | Udaipur Rajya Ka Itihas (set of 2) vol. 1&2
M.M. Raibahadur Gaurishankar Heerachand Ojha