top of page
Product Page: Stores_Product_Widget

सरला ही थी जो सत्येन्द्र के छोटे-छोटे कामों को भी करती थी पुस्तकों को झाड़ू-पोंछकर सजाकर रखती, कॉलेज के कपड़े-लत्तों को ठीक करके रख देती। सुशीला सरला की बड़ी बहिन है। उसके लड़के का अन्नप्राशन है। अस्तु कामाख्या बाबू धेवते के अन्नप्राशन के उपलक्ष्य में, घर के सब लोगों को साथ लेकर जाने के लिए कलकत्ता आए । .... सत्येन्द्र बाबू, अत्यंत अनिच्छा होते हुए भी जो आपको पत्र लिख रहा हूं, वह केवल अपनी प्राणाधिका बहिन नलिनी के लिए। मृत्यु के पहले वह बहुत-बहुत कह गई। थी। इस अंगूठी को आपके पास फिर से भेज दिया जाए। आपकी नामांकित अंगूठी भेज रहा हूं। बहिन की इच्छा थी कि इसे आप अपनी नई पत्नी को पहना दें। आशा करता हूं, आप उसकी इच्छा पूरी करेंगे।...

बड़ी दीदी | Badi didi

SKU: 9788190971140
₹150.00 Regular Price
₹127.50Sale Price
Only 2 left in stock
  • Sharatchandra Chattopadyay

No Reviews YetShare your thoughts. Be the first to leave a review.

RELATED BOOKS 📚 

bottom of page