श्री लक्ष्मण चरित्र नामक यह पुस्तिका सम्पादक-लेखक की छठवीं पुष्पांजलि है। सन् 2012 से यह धर्म यात्रा रामकथा नामक ग्रन्थ से प्रारम्भ हुई थी। उसी ग्रन्थ को आधार मानकर यह पुस्तिका तैयार की गई है। इसमें श्रीराम के निजी परिकरसेवक लक्ष्मणजी के जीवन के सभी छुए अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है। लक्ष्मणजी का श्रीराम की सेवा में सदैव रहने की सद्इच्छा जग विख्यात है। मैं तो उनकी माताश्री सुमित्राजी के, श्रीराम के प्रति विचारों को पढ़कर आनन्दित हो जाता हूँ कि यह माँ धन्यातिधन्य है जिनके श्री लक्ष्मणजी जैसे पुत्र हुए।
इस पुस्तिका में वह सब कुछ है जो लक्ष्मणजी के बारे में पाठकगण चाहते हैं। रामकथा नामक ग्रन्थ से ही निकाला हुआ तीसरा पुष्पगुच्छ है। जो धर्म प्रेमियों को समर्पित है। इस पुस्तिका के प्रकाशन में सहयोग के लिए में मैं लघु भ्राता
मोहनसिंह एवं उनके सुपुत्र राजेश का भी आभारी हूँ । मैं अपनी दिवंगत गोलोकवासी जीवन सहचरी प्रेमकँवर को भी हृदयसे स्मरण करता हूँ जो आज भी मेरी प्रेरणा स्रोत है।
लक्ष्मण चरित्र | Laxman Charitra
Hari Singh