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हिन्दी साहित्य में अब तक तीन लेखकों के यात्रा-वृत्तांत मील के पत्थर साबित हुए हैं-राहुल सांकृत्यायन जिन्होंने 'घुमक्कड़शास्त्र' नाम की किताब ही लिख दो, अज्ञेय और फिर निर्मल वर्मा। इसी कड़ी में चौथा नाम अनुराधा का भी जुड़ रहा है। " नामवर सिंह

'आजादी' मेरा ब्रांड नए सिरे से स्त्री-दर्शन का यह आधारभूत तथ्य रेखांकित कर रही है कि परिवार रक्त और चीन संबंध के दायरे तक सीमित नहीं माने जा सकते। यौनिकता, नैतिकता और पारिवारिकता की नई परिभाषाएँ कोई पदानुक्रम नहीं मानतीं, न लड़का-लड़की के बीच, न पाठक-लेखक के... अनुराधा अपने वृत्तांत में जिन चुनिंदा क्षणों का प्रति-संसार रचती है, उसका बस एक ही सपना है कि किसी के जीवन का स्विच किसी और के हाथ में न हो..." अनामिका

'अनुराधा एक छोटी-सी बच्ची की मासूमियत के साथ सही-गलत, अच्छे-बुरे को समझने की कोशिश करते हुए आजादी के नए अर्थ तलाशती भटकती जाती है और हमें भी साथ लिये जाती है। अनुराधा भटकती है, पर उसकी लेखनी नहीं। वह नए जमाने की नितांत भारतीय फ़क्कीरन है, फक्क़ीरन! शायद यह संबोधन उसे अच्छा लगे!" स्वानन्द किरकिरे

आज़ादी मेरा ब्रांड | Azadi Mera Brand

SKU: 9788126728367
₹250.00 Regular Price
₹225.00Sale Price
Out of Stock
  • Anuradha Beniwal

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