top of page
Product Page: Stores_Product_Widget

अपने यात्रा वृत्तान्तों से हिन्दी में एक नई शुरुआत करने वाले असग़र वजाहत अपने आपको सामाजिक पर्यटक या सोशल टूरिस्ट कहते हैं। वे जिस जगह जाते हैं वहाँ का कोरा विवरण नहीं लिखते बल्कि यात्रा वृत्तान्तों के माध्यम से उन जगहों की सांस्कृतिक विविधता और जीवन के रंग दिखाने का प्रयास करते हैं जिससे पाठक उनके साथ उनकी यात्रा में पूरी तरह जुड़ जाता है। ‘अतीत का दरवाज़ा’ में लेखक असग़र वजाहत अपने पाठकों को मध्य एशिया के जोर्डन, यूरोप के रूमानिया-हंगरी के मारामारोश क्षेत्र और दक्षिण अमरीका के मैक्सिको देश की यायावरी पर ले जाते हैं। तीनों जगहें जितनी यायावरी की दृष्टि से आकर्षक हैं, उतना ही उनका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व भी है और यहाँ पर मानव-सभ्यता के अनेक पुरातत्व अवशेष मिलते हैं।यात्रा-वृत्तान्त के अतिरिक्त असग़र वजाहत अनेक विधाओं में लिखते हैं-उपन्यास, कहानी, नाटक और निबन्ध। उनकी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं - बाक़र गंज के सैयद, सबसे सस्ता गोश्त, सफ़ाई गन्दा काम है, जिस लाहौर नईं देख्या ओ जम्या ई नईं, गोडसे गांधी. कॉम और भीड़तंत्र।अपने यात्रा वृत्तान्तों से हिन्दी में एक नई शुरुआत करने वाले असग़र वजाहत अपने आपको सामाजिक पर्यटक या सोशल टूरिस्ट कहते हैं। वे जिस जगह जाते हैं वहाँ का कोरा विवरण नहीं लिखते बल्कि यात्रा वृत्तान्तों के माध्यम से उन जगहों की सांस्कृतिक विविधता और जीवन के रंग दिखाने का प्रयास करते हैं जिससे पाठक उनके साथ उनकी यात्रा में पूरी तरह जुड़ जाता है। ‘अतीत का दरवाज़ा’ में लेखक असग़र वजाहत अपने पाठकों को मध्य एशिया के जोर्डन, यूरोप के रूमानिया-हंगरी के मारामारोश क्षेत्र और दक्षिण अमरीका के मैक्सिको देश की यायावरी पर ले जाते हैं। तीनों जगहें जितनी यायावरी की दृष्टि से आकर्षक हैं, उतना ही उनका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व भी है और यहाँ पर मानव-सभ्यता के अनेक पुरातत्व अवशेष मिलते हैं।यात्रा-वृत्तान्त के अतिरिक्त असग़र वजाहत अनेक विधाओं में लिखते हैं-उपन्यास, कहानी, नाटक और निबन्ध। उनकी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं - बाक़र गंज के सैयद, सबसे सस्ता गोश्त, सफ़ाई गन्दा काम है, जिस लाहौर नईं देख्या ओ जम्या ई नईं, गोडसे गांधी. कॉम और भीड़तंत्र।

अतीत का दरवाज़ा | Ateet Ka Darwaza

SKU: 9789386534378
₹215.00 Regular Price
₹182.75Sale Price
Only 1 left in stock
  • Asgar Wajahat

No Reviews YetShare your thoughts. Be the first to leave a review.

RELATED BOOKS 📚 

bottom of page