प्रस्तुत 'आलमगीर' पुस्तक में औरंगजेब युग के इतिहास का वर्णन किया गया है। वैसे तो सम्राट औरंगजेब एक चरित्रवान सम्राट था और उसने अपनी प्रजा के हितार्थ कई कल्याणकारी कदम उठाये थे, किन्तु उसके ये सारे जनहितैषी कार्य एक दिखावा मात्र ही थे। मुगल साम्राज्य के भ्रष्ट पदाधिकारियों द्वारा उन्हें कभी कार्यान्वित ही नहीं किया जा सका। सम्राट औरंगजेब की धार्मिक कट्टरता, धर्मान्धता और असहिष्णुता की नीति के कारण साम्राज्यभर में प्रत्येक जगह विद्रोह उठ खड़े हुए, उन्हें दबाने में मुगल साम्राज्य की सारी शक्ति और संसाधन विनष्ट हो गये। सम्राट औरंगजेब ने अपने पूर्ववर्ती सम्राटों-अकबर महान, जहाँगीर और शाहजहाँकालीन उस हिन्दू-मुस्लिम एकता को बर्बाद कर दिया। उसने सिक्खों, राजपूत राजाओं, मराठों, सतनामियों, जाटों इत्यादि से अनावश्यक युद्ध लड़े और मुगल साम्राज्य को विनाश के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया। मुगल साम्राज्य की प्रतिष्ठा और साख को जितना बड़ा धक्का सम्राट औरंगजेब के शासनकाल में लगा उसकी भरपाई करना कठिन ही नहीं असंभव कार्य था। प्रस्तुत पुस्तक में इन सभी ऐतिहासिक घटनाओं के अलावा ऐसे अनेक दुर्लभ ऐतिहासिक पत्रों को खोजकर पुस्तक की प्रामाणिकता और विद्वान् पाठकों के ज्ञानवर्धन और मनोरंजन हेतु प्रस्तुत किये गये हैं। प्रस्तुत पुस्तक को लेखक ने रोचक बनाने का अच्छा प्रयास किया
आलमगीर । Alamgir
Keshav Prasad Guru