राजस्थान के सुप्रसिद्ध इतिहासकार पं. गौरीशंकर हीराचन्द ओझा द्वारा लिखित 'जोधपुर राज्य का इतिहास' एक अद्वितीय इतिहास ग्रन्थ है। राजस्थानी साधनों, संस्कृत ग्रन्थों, फारसी दस्तावेजों के साथ ही अभिलेखों पर आधारित होने के कारण इसकी प्रामाणिकता विशेष उल्लेखनीय है। गम्भीर अध्येता और चिंतक होने के कारण ओझाजी द्वारा किया गया गूढ तथ्यों का विश्लेषण सटीक और विश्वसनीय है।
प्रस्तुत ग्रन्थ न केवल इतिहास जगत बल्कि भूगोल वेत्ताओं, समाजशास्त्रियों, कलाविदों, अर्थशास्त्रियों तथा संस्कृति अध्येताओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। ओझाजी उच्च कोटि के भाषाविद थे अतः उनके द्वारा परिष्कृत हिन्दी भाषा में लिखा गया 'जोधपुर राज्य का इतिहास' स्वतंत्रता पूर्व हिन्दी भाषा की स्थिति तथा हिन्दी साहित्य विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी सिद्ध होगा।
'जोधपुर राज्य का इतिहास' दो खण्डों में प्रकाशित है। प्रथम खण्ड में मारवाड़ के भूगोल, समाज, प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों, प्राचीन राजवंशों आदि के विवरण के पश्चात् प्रारम्भ से महाराजा जसवंतसिंह प्रथम तक मारवाड़ के राठौड़ इतिहास का विस्तृत प्रामाणिक विवरण प्रस्तुत किया गया है। द्वितीय खण्ड में महाराजा अजीतसिंह से महाराजा मानसिंह तक का इतिहास समाहित है । अनेक दुर्लभ चित्र ग्रन्थ को अधिक महत्वपूर्ण बनाने के लिए प्रकाशित किए गए हैं।
"जोधपुर राज्य का इतिहास' राजस्थान के इतिहास के सामान्य जिज्ञासुओं के साथ ही गम्भीर अध्येताओं और शोधकर्ताओं के लिए समान रूप से रुचिकर और उपयोगी सिद्ध होगा।
जोधपुर राज्य का इतिहास (2 खंड) । Jodhpur Rajya Ka Itihas (2 Vol.)
Gaurishankar Hirachand Ojha