विश्व इतिहास में अब तक पुरुष वर्ग के इतिहास लेखन की परम्परा रही है। यदा-कदा महिलाओं के इतिहास पर भी लेखकों ने लिखने का प्रयास किया है। परन्तु वह नगण्य ही रहा है। विगत कुछ दशकों से इतिहास लेखन की परम्परा में बहुत परिवर्तन आया है तथा लेखन व शोध के क्षेत्र में महिलाएँ निरन्तर प्रगतिशील हो रही हैं। आज महिलाएं स्वयं महिलाओं के इतिहास लेखन का कार्य कर इतिहास अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं, यह इतिहास को एक महत्वपूर्ण देन होगी।
राजस्थान का यहां की महिलाओं और पुरुषों के वीरोचित गुणों, त्याग और बलिदान की गाथाओं के कारण जगत प्रसिद्ध है। यहां के वीरों राजा-महाराजाओं के राजनैतिक सांस्कृतिक और आर्थिक इतिहास पर तो अब तक बहुत कुछ लिखा जा चुका है परन्तु यहां के जनाना ड्योढ़ियों में निवास करने वाली रानियों महारानियों और अन्य महिलाओं के क्रिया-कलापों और उनके द्वारा इतिहास में दिये गये अमूल्य योगदान पर अब तक बहुत कम लेखकों ने कलम चलाई है। मारवाड़ राजघराने की जनाना ड्योढ़ी के संदर्भ में विशेषकर महिलाओं के राजनीतिक एवं सांस्कृतिक जीवन पर डॉ. किरण शेखावत ने शोध करके मारवाड़ ही नहीं अपितु सम्पूर्ण महिला जगत के लिये एक महत्वपूर्ण कार्य किया है। अब तक मारवाड़ राजघराने की जनानी ड्योढी और महारानियों के इतिहास पर थोड़ा बहुत लिखा जा चुका है परन्तु एक समग्र शोध पूर्ण पुस्तक का लेखन अब तक नहीं किया गया था, जो डॉ. किरण शेखावत ने किया है।
जनाना ढ्योड़ी | Janana Dyodhi
Dr. Kiran Shekhawat