‘‘...कल्पना के विस्तृत गगन में कहानी घूमने का अवकाश देती है जिसमें पाठकों को विस्तृत आनन्द मिलता है’’ कहानी के सम्बन्ध में जयशंकर प्रसाद का यह कहना था और प्रायः उनकी सभी कहानियों में यह देखने को मिलता है। उनकी कहानियाँ बहुत कुछ कहते हुए भी बहुत कुछ अनकहा छोड़ देती हैं।
जयशंकर प्रसाद की पहली कहानी, ‘ग्राम’ 1911 में इन्दु पत्रिका में प्रकाशित हुई। उन्होंने अपने जीवनकाल में 70 कहानियाँ लिखीं जो पाँच कहानी-संग्रहों में प्रकाशित हुईं। माना जाता है कि जयशंकर प्रसाद की कहानियाँ आधुनिक सोच की कहानियाँ हैं और शायद इसीलिए आज भी पाठकों में लोकप्रिय हैं।
जयशंकर प्रसाद की चुनी हुई कहानियाँ । Jaishankar Prasad Ki Chuni Huyi Kahaniyan
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Jaishankar Prasad
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