पण्डित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्र के सजग प्रहरी व सच्चे राष्ट्रभक्त के रूप में भारतवासियों के प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। राष्ट्र की सेवा में सदैव तत्पर रहने वाले दीनदयालजी का यही उद्देश्य था कि वे अपने राष्ट्र भारत को सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, शैक्षिक क्षेत्रों में बुलंदियों तक पहुंचा सकें। पण्डित दीनदयाल उपाध्याय एक ऐसी राजनीतिक विचारधारा के सूत्रधार एवं समर्थक थे, जिसमें राष्ट्रभक्ति की भावना कूट-कूटकर भरी थी। राजनीति में कथनी और करनी में अन्तर न रखने वाले इस महापुरुष ने भारतीय संस्कृति के प्रति अपनी गहरी आस्था बनाये रखी। हिन्दुत्ववादी चेतना को वे भारतीयता का प्राण समझते थे। पण्डित दीनदयाल उपाध्यायजी राष्ट्रनिर्माण के कुशल शिल्पियों में से एक रहे हैं। व्यक्तिगत जीवन तथा राजनीति में भी सिद्धान्त और व्यवहार में समानता रखने वाले इस महान् भारतीय को काफी विरोधों का सामना करना पड़ा। किन्तु राष्ट्रभक्ति ही जिनका ध्येय हो, ऐसे महापुरुष को भला कौन उनके उद्देश्यों से डिगा सकता है।
पं. दीनदयाल उपाध्याय जीवन-दर्शन । Pt. Deendayal Upadhyay Jeevan-Darshan
Dr. Sohan Raj Tated