ज्योतिष शास्त्र नहीं है अपितु विज्ञान है। आम आदमी की रूचि इस विज्ञान की ओर है। अधिकांश अपने वर्तमान से कुण्ठित है शेष अपने भविष्य के प्रति चिन्तित है। बुद्धिजीवी इस विषय के संदर्भ में टीका-टिप्पणी भी करते रहते हैं किन्तु वे भी एकान्त में मिलकर अपनी आस्था के सुमन अर्पित करते रहते हैं। मेरे विगत 45 वर्षों के अन्तराल में अनेक अभीगी आंखों वाले आये हैं। शहर में वे कुछ भी प्रचारित करते हो किन्तु अपने मन के गाँव में इस विषय की षोडशोपचार पूजन करते हैं। इस विषय के लिए तीन बातें आवश्यक हैं-
1. जन्मपत्रिका में जन्म का समय सही हो।
2. विशुद्ध पंचांग (एफेमेरिज) से गणित हो।
3. किसी विशेषज्ञ से ही सम्पर्क करें।
यदि आपकी जन्म दिनांक, जन्म समय और स्थान सही है और विशुद्ध गणित से बनाया हुआ जन्माक्षर है तो इस विषय के फलित की प्रमाणिकता को कोई भी चैलेंज नहीं कर सकता है। संधि-लग्न आ जाने पर दोहरा फल देखने को मिलता है। यहाँ समस्या जन्म लेती है। गुलिक प्रक्रिया के माध्यम से इसका भी समाधान हो जाता है।
प्रारम्भिक फलित ज्योतिष विज्ञान | Prarambhik Falit Jyotish Vigyan
Aacharya Umesh Shashtri