बरगद के पेड़ तले भारत के श्रेष्ठ कहानीकार आर. के. नारायण के प्रिय काल्पनिक शहर मालगुडी की अमूल्य धरोहर में एक अनूठे नग की तरह है जिसमें सौदागर, भिखारी, साधु-सन्त, अध्यापक, चरवाहे, ठग जैसे अलग-अलग चरित्रों की दिलचस्प कहानियाँ हैं। कहीं तो है एक विद्रोही नवयुवक जो पैतृक मन्दिर में अपने माता-पिता की ली गई प्रतिज्ञा का पालन करने से साफ इनकार कर देता है, तो वहीं सीधा-सादा दुकानदार एक अजनबी की मनमोहक बातों में आकर दिवालिया हो जाता है, और एक छोटा-सा लड़का अपना साहस दिखाने के लिए रात को अकेले ही चोर को पकड़ दिखाता है। ऐसी ही अट्ठाईस रोचक कहानियाँ इस पुस्तक में सम्मिलित हैं।
कहानीकार आर. के. नारायण शब्दों के जादूगर थे जो अपने शब्दों के मायाजाल और जीवन्त चित्रण से पाठकों को मोह लेते हैं। कहानी का विषय कैसा भी हो, पात्र कितना भी क्रूर क्यों न हो, परिस्थिति कितनी भी विकट क्यों न हो, लेकिन उनकी शालीन कलम हर स्थिति को मानवीय नज़रिये से पेश करती है।
बरगद के पेड़ तले | Bargad Ke Ped Tale
R.K. Narayan