21 साल! कितनी रोमांचक उम्र है! यह उम्र है, जानी-पहचानी राह छोड़कर नये रास्ते खोजने की, जोखिम उठाकर अपनी किस्मत आज़माने की, अपने सपनों को सच करने की और प्यार में डूबने की.....
मुट्टी भरवायें कहानी है एक इक्कीस वर्षीय नौजवान की इसमें रोचक बात यह है कि इसे रस्किन बॉन्ड ने तब लिखा जब वे साठ साल की उम्र के थे। इक्कीस वर्ष का युवक जो लेखक बनने का अपना सपना सच करना चाहता है लेकिन उसके सामने ऐसे लुभावने आकर्षण आते रहते हैं और वह बार-बार लेखक बनने के अपने लक्ष्य से भटक जाता है। कहीं तो उसे मिलती है मैकडोर की महारानी, तो कहीं उसका सामना धोबी के चतुर लेकिन बेहद पेपू किस्म के लड़के से होता है, कहीं सर्कस से भागे हुए बाप से मुलाकात होती है... आखिरकार क्या होता है पुस्तक के इक्कीस वर्षीय नायक के सपने का ?
'साहित्य अकादमी पुरस्कार', 'पद्मश्री' और 'पद्मभूषण' से सम्मानित रस्किन बॉन्ड की अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं- रूम ऑन द रूफ़, वे आवारा दिन, एडवेंचर्स ऑफ़ रस्टी, नाइट ट्रेन ऐट देओली, दिल्ली अब दूर नहीं, उड़ान, पैन्थर्स मून, अंधेरे में एक चेहरा, अजब-गज़ब मेरी दुनिया और रसिया ।
मुठ्ठीभर यादें | Mutthi bhar Yaden
Ruskin Bond