इतिहास का प्रत्येक कालखंड किसी व्यक्ति विशेष के व्यक्तित्व के कारण जाना जाता है। मुगल साम्राज्य के वैभव के पश्चात् उत्तर भारत की राजनीति का केन्द्र महाराजा सूरजमल का राज्य बन गया। यह कालखंड महाराजा सूरजमल की नीतियों एवं कूटनीतियों का काल कहा जाता है। सूरजमल ने अपने राज्य की स्थापना हेतु अपने पूर्वजों की नीतियों से हटकर एक दूरदर्शी नीति अपनाई। सूरजमल ने भरतपुर को एक जागीर से भरतपुर राज्य (जाट राज्य) का रूप दिया। सूरजमल ने अपनी कूटनीतियों के कारण ही विभिन्न विकट परिस्थितियों में भी अपने राज्य को अवनति से बचाया। सूरजमल ने राज्य के लिए सदैव राजनीतिक प्रबन्ध तथा प्रशासनिक परोपकारिता को अपनाया।
महाराजा सूरजमल । Maharaja Surajmal
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Dr. surendra singh
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