जैम्स टॉड कृत महान पुस्तक “राजस्थान का पुरातत्व एवं इतिहास” के नवीन संस्करण को प्रकाशित करने की बात को कोई भी व्यक्ति हल्केपन से नहीं ले सकता। महायुद्व में राजपूतों के महान योगदान को देखकर इम्पीरियल कॉन्फरेंस में इनके प्रतिनिधि को आमंत्रित किया है और यह निश्चित है कि वर्तमान महाविपत्ति के समाप्त होते ही भारतीय प्रशासन में राजपूतों को और अधिक बड़ा भाग सौपा जायेगा। इस तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए यह अभिलाषा उत्पन्न हुई कि राजपूतों के पुरातत्त्व, इतिहास एवं उनकी सामाजिक संस्कृति को प्रकाशित कर उसे जनता के सामने प्रस्तुत किया जावे। यह पुस्तक अपने आप में उत्कृष्ट कालजयी साहित्य है और उसके साथ हमारा व्यवहार भी ऐसा ही होना चाहिए। स्वयं राजपूतों के लिये एवं उन भारतीयों के लिए जो अपने देश का इतिहास जानने में रूचि रखते है।
राजस्थान का पुरातत्व एवं इतिहास (Vol 1,2,3) । Rajasthan Ka Puratatva Evam Itihas
James Tod