यह पंकज प्रसून की 64 कविताओं का अनूठा संग्रह है। इसमें से तमाम कविताएँ सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो चुकी हैं। किताब की शीर्षक-कविता तो महिला सशक्तिकरण मुहिम की अमिट आवाज़ ही बन चुकी है। कुछ अन्य कविताएँ जो आपके दिल में उथल-पुथल मचाने की ताक़त रखती हैं उनमें से प्रमुख हैं– ‘माँ का बुना स्वेटर कभी छोटा नहीं पड़ता, ब्रेकअप के बाद का प्यार, स्कूटी चलाती लड़की, ईमानदार आदमी अव्वल दर्जे का बेवक़ूफ़ होता है, आदि। ये कविताएँ पाठक को हँसाते हुए आँखों से आँसू निकाल लेती हैं। तभी तो नामचीन अभिनेता अनुपम खेर इनकी कविताओं को अपनी आवाज़ देते हैं तो वहीं स्टार कवि कुमार विश्वास इनकी रचना को शेयर करते हैं। यह किताब हास्य, व्यंग्य, करुणा, शृंगार और वेदना का ऐसा कॉकटेल है जिसका नशा लंबे समय तक बरक़रार रहता है।
लड़कियाँ बड़ूी लड़ाका होती है । Ladkiyan Badi Ladaka Hoti Hai
Pankaj Prasoon