आज की शिक्षा उद्देश्यनिष्ठ एवं बाल केन्द्रित है। वर्तमान अध्यापक शिक्षा * अविभाव मुख्य रूप से प्रभावी शिक्षक तैयार करने की दृष्टि से हुआ था, किन्तु आज हम देख रहे हैं कि प्रशिक्षण विद्यालय अपने इस उद्देश्य को प्राप्त करने में पूर्ण रूप से सक्षम नहीं हो पा रहे हैं। इसके पीछे मुख्य कारण प्रशिक्षण के दौरान व्यावहारिक रूप से पूर्ण अभ्यास नहीं हो पाना तथा मुख्य शिक्षण कौशलों का व्यवस्थित ढंग से विकास न होना है। यद्यपि सैद्धान्तिक रूप से पाठ्यपुस्तक में कौशलों की चर्चा होती है किन्तु उनके प्रयोग एवं अभ्यास पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता और यही कारण है कि शिक्षक, शिक्षण-कला में निपुण नहीं हो पाते हैं, ऐसी स्थिति में छात्रों का उचित मार्गदर्शन व उनमें वांछित परिवर्तन होना संभव नहीं होता है।
संस्कृत शिक्षण | Sanskrit Shikshan
Dr. Motilal Joshi, Dr. Manju Sharma