अंकिता की शिक्षा बनस्थली यूनिवर्सिटी से एमटेक (कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग) में पूरी हुई। उन्होंने एक वर्ष सीडैक पुणे में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में बतौर रिसर्च एसोसिएट कार्य किया। बंसल इंजीनियरिंग कॉलेज, भोपाल में बतौर असिस्टेंट प्रोफ़ेसर सात माह अध्यापन किया। अंकिता पिछले पाँच वर्षों से जैविक खेती में संक्रिय हैं। वे बतौर डायरेक्टर 'वैदिक वाटिका' में कार्यरत हैं।
अंकिता जैन
अंकिता 2012 से लेखन में सक्रिय हुईं जब उनके लिखे गीत पर बना 'फ़्लैशमॉब' लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में चयनित हुआ । इनकी लिखी दो दर्जन कहानियाँ बिग एफ़एम के दो प्रसिद्ध कार्यक्रमों में प्रसारित हो चुकी हैं। अंकिता ने 'रूबरू दुनिया' मासिक पत्रिका का तीन वर्षों तक सफल संपादन एवं प्रकाशन किया।
'ऐसी-वैसी औरत' के अलावा इनकी दो और किताबें- 'मैं से माँ तक' (गर्भावस्था पर आधारित) और 'बहेलिए' (कहानी-संग्रह) प्रकाशित हो चुकी हैं। अंकिता 'प्रभात खबर' अख़बार की साप्ताहिक पत्रिका 'सुरभी' एवं 'लल्लनटॉप' न्यूज़ पोर्टल पर अपने 'माँ-इन-मेकिंग' कॉलम के लिए भी चर्चित रही हैं। उनके लेख 'अहा ! जिन्दगी', 'इंडिया टुडे', 'आईचौक', 'नवभारत टाइम्स (गोल्ड) ' में प्रकाशित होते रहते हैं। इन दिनों अंकिता 'राजस्थान पत्रिका' के लिए मासिक संपादकीय भी लिख रही हैं।
सत्रह कहानियाँ | Satrah Kahaniyan
Amrita Pritam