1984 में दो सीटों से 2014 में 282 सीटों के सफर में भारतीय जनता पार्टी के सधे हुए विकास की कहानी छोटे छोटे संगठनों के पनपने की कहानी भी है. इनमें अन्यों के अलावा योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी, मैंगलोर में श्री राम सेने, और सनातन संस्था जैसे संगठन शामिल हैं, जिसके सदस्य नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पानसरे और एम.एम. कलबुर्गी की हत्याओं के लिए गिरफ्तार हुए. ये संगठन हंगामे खड़े करते हैं, समुदायों को बांटते हैं, हिंसा भड़काते हैं और हत्याएं तक करते हैं. यह सब वे हिंदुत्व के नाम पर करते हैं. इन संगठनों के ढांचे और इनके विकास पर बहुत कम काम हुआ है. वे कैसे शुरू हुए? वे कैसे काम करते हैं? वे स्थानीय मुद्दों और समस्याओं में किस तरह कूद पड़ते हैं? क्या वे भाजपा के मोहरों की तरह काम करते हैं? क्या वे भाजपा के लिए छुटभैयों का दल मुहैया कराते हैं? धीरेंद्र के. झा ने अपनी आठ किस्तों की इस पड़ताल में इन सवालों के जवाब खोजने की कोशिश की है.
हिंदुत्व के मोहरे | Hindutva Ke Mohre
Dheerendra K. Jha